लोकसभा ने प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक 2015 पारित किया-(08-MAY-2016) C.A

| Sunday, May 8, 2016
3 मई 2016 को लोकसभा ने प्रतिपूरक वनीकरण निधि विधेयक, 2015 पारित कर दिया. यह विधेयक राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष विधेयक के साथ–साथ राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष की स्थापना करना चाहता है.
यह विधियेक वन भूमि के लिए निर्धारित करीब 41000 करोड़ रुपयों के उपयोग का रास्ता खोलेगा. यह धनराशि अभी तक अनुपयुक्त है.
इस विधेयक को संसद (लोकसभा) में पहली बार 8 मई 2015 को प्रस्तुत किया गया था.
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
• इस विधेयक के द्वारा भारत के लोक लेखा (Public Account of India) के तहत राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनीकरण कोष और प्रत्येक राज्य के लोक लेखा के तहत राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष की स्थापना की जाएगी.
• इन कोषों में निम्नलिखित के लिए भुगतान मिलेंगें– क) प्रतिपूरक वनीकरण, ख) वन का शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) और ग) अन्य परियोजना विशेष भुगतान. राष्ट्रीय कोष को इन कोषों का 10 फीसदी मिलेगा और राज्य कोषों में बाकी के 90 फीसदी डाले जाएंगे.
• इन कोषों को मुख्य रूप से वन कवर के नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए वनीकरण करने, वन पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से बनाने, वन्यजीव संरक्षण और संरचनात्मक विकास पर खर्च किया जाएगा.
• विधेयक के जरिये  राष्ट्रीय और राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण भी बनाएगा. 
पृष्ठभूमि
पर्यावरण के कानून पर बनी एक उच्च स्तरीय समिति ने पाया कि 1951 से 2014 के बीच वन कवर की गुणवत्ता कम हुई है और इसकी वजहों में से एक है प्रतिपूरक वनीकरण वृक्षारोपण की खराब गुणवत्ता.
वर्ष 2013 में कैग की रिपोर्ट में कहा गया था कि राज्य के वन विभागों में प्रतिपूरक वनीकरण और वन संरक्षण के लिए नियोजन और कार्यान्वयन की क्षमता का अभाव है. राज्यों को दिए जाने वाले कोष को 10 फीसदी से बढ़ाकर 90 फीसदी करने के साथ इन कोषों का कुशल प्रयोग राज्य वन विभागों की क्षमता पर निर्भर करेगा.

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