- 28 अप्रैल 2016 को वाणिज्य सचिव रीता तेवतिया की अध्यक्षता में यह निर्णय किया गया.
- बोर्ड की बैठक के अनुसार, बोर्ड ने पाया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) विकसित करने वाली संस्था के आधिपत्य में जमीन है. इसी आधार पर प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी देने का फैसला किया.
- प्रस्तावित सेज चार हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में होगा.
- बोर्ड ने मायर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को हरियाणा में जैव प्रौद्योगिकी सेज, विप्रो को कर्नाटक में आईटी सेज तथा वेदांता को ओडि़शा में सेज के लिए अतिरिक्त समय दिया है.
- बोर्ड ने यूनिटेक रीयल्टी प्रोजेक्ट को अपना नाम बदलकर केनडोर गुडग़ांव वन डेवलपर्स करने की अनुमति दे दी.
सेज के बारे में-
विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) ऐसे निर्यात केंद्र हैं, जिनका देश के कुल निर्यात में 23 प्रतिशत का योगदान है. वित्तीय वर्ष 2015-2016 में सेज के माध्यम से 463,770 करोड़ रूपए का निर्यात किया गया. वित्तीय वर्ष 2013-2014 में यह 494,077 करोड़ रूपए था.
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