इस निदेशालय का नाम ‘नॉन फेयर रेवेन्यू डायरेक्टरेट’ है और इसका उद्देश्य गैर-रेल भाड़ा स्रोतों से बड़े पैमाने पर राजस्व बढ़ाना है.
इससे सम्बंधित मुख्या तथ्य:
• यह नयी इकाई कोचों, वैगनों, इंजनों के साथ ही स्टेशनों पर विज्ञापन हासिल करने की संभावनाओं का पता लगाएगी और रेलवे की खाली पड़ी जमीन के व्यवसायिक दोहन का भी पता लगाएगी.
• रेलवे का एक वरिष्ठ अधिकारी इस निदेशालय का प्रमुख होगा.
• नया विंग रेल भाड़े के इतर स्रोतों से होने वाले मौजूदा 5 प्रतिशत राजस्व को बढ़ाकर 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत तक करने का प्रयास करेगा.
• यह निदेशालय गैर टैरिफ राजस्व को बढ़ाने के लिए रेलवे पटरियों के इर्द-गिर्द व्यावसायिक खेती, रेलवे कर्मियों के लिए वर्दी का प्रायोजन और गतिविधियों एवं घटनाओं के प्रायोजन जैसे नए क्षेत्रों में प्रवेश करेगा.
रेलभाड़े से इतर राजस्व बढ़ाने की कार्य योजना रेल बजट 2016-17 का हिस्सा थी और जल्द ही कम से कम 20 स्टेशनों पर विज्ञापन राजस्व में बढ़ोतरी के उपाय करेगा.
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