फार्चून की सालाना ‘40 अंडर 40’ सूची में भारतीय मूल के पांच लोग सम्मिलित-(19-AUG-2017) C.A

| Saturday, August 19, 2017
अमेरिका की पत्रिका फार्चून ने वर्ष 2017 की ‘40 अंडर 40’ सर्वाधिक प्रभावी युवा लोगों की वार्षिक सूची जारी की है. फार्चून द्वारा जारी की गई इस सूची में आयरलैंड के प्रधानमंत्री लियो वरादकर सहित भारतीय मूल के पांच लोग शामिल किये गये हैं.

सूची में उन लोगों को प्राथमिकता दी गयी है जिन्होंने अपन ने काम से अन्य व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया. यह वह लोग हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है और अपना काम कर रहे हैं.

पत्रिका ने ऐसे लोगों को नवप्रर्वतक, विद्रोही और कलाकार तथा अन्य को प्रोत्साहित करने वाला बताया है. सूची में फ्रांस के 39 साल के राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रोन पहले पायदान पर हैं. यह नेपोलियन के बाद सबसे युवा नेता हैं जिन्होंने मई में राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की.

सूची में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग दूसरे स्थान पर हैं. उनके बाद एयरबीएनबी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी तथा सह-संस्थापक ब्रायन चेसकी, नाथन ब्लेचारासाइक, जोइ गेबिया चोथे तथा टेनिस स्टार सेरेना विलयम्स सातवें स्थान पर हैं.
सूची में भारतीय मूल के लोगों में 26 साल की दिव्या नाग, 31 साल के ऋषि शाह, शारदा अग्रवाल (32) तथा सैमसोर्स की सीईओ तथा संस्थापक लीला जाना सम्मिलित हैं.

सूची 27वें स्थान पर सम्मिलित दिव्या नाग एपल की महत्वकांक्षी रिसर्चकिट और केयर किट कार्यक्रम को देखती हैं और संबंधित लोगों को स्वास्थ्य संबंधित एप के विकास के लिये प्रोत्साहित करती हैं. फार्चून के अनुसार, दिव्या ने स्टेम सेल शोध स्टार्टअप की स्थापना की और चिकित्सा क्षेत्र में निवेश को गति दी.

सूची में 38वें स्थान पर मौजूद ऋषि शाह तथा तथा शारदा अग्रवाल 10 साल से अधिक समय से स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी कंपनी आउटकम हेल्थ का जिम्मा संभाल रही हैं. 38 वर्षीय वरादकर सूची में पाचवें पायदान पर हैं. वरादकर के पिता का जन्म भारत में हुआ. दोनों ने 40,000 से अधिक डाक्टरों के कार्यालयों में टच स्क्रीन और टैबलेट लगाया जो संबंधित चिकित्सा सूचना तथा संबंधित जानकारी प्रदान करता है.

फार्चून के अनुसार आयरलैंड में काफी प्रवासी हैं लेकिन उसके नये प्रधानमंत्री का व्यक्तित्व अलग है. वह मुंबई से यहां आये प्रवासी हिंदू परिवार से हैं. पूर्व में डाक्टर रहे वरादकर आयरलैंड के सबसे युवा नेता हैं.

फार्चून की सूची में लीला 40वें स्थान पर हैं. भारतीय प्रवासी की पुत्री लीला का गैर-सरकारी संगठन सैमासोर्स इस साल 1.5 करोड़ डालर हासिल करने के रास्ते पर है. वह वैश्विक स्तर पर गरीबी समाप्त करने के लिये काम पर जोर देती हैं न कि परमार्थ कार्यों पर.

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