रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जुलाई 2017 के अंतिम सप्ताह में देश के पहले मानवरहित टैंक को तैयार करने में कामयाबी हासिल की. यह टैंक रिमोट की सहायता से संचालित किया जाएगा. डीआरडीओ द्वारा तैयार इस मानवरहित टैंक का नाम मंत्रा रखा गया है.
सेना के अधिकारियों द्वारा मीडिया को दी गयी जानकारी के अनुसार इस टैंक को सबसे पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाएगा. सेना द्वारा अलग-अलग परिस्थितियों और अपेक्षाओं से इस टैंक का परीक्षण किया जा रहा है.
सेना के अधिकारियों द्वारा मीडिया को दी गयी जानकारी के अनुसार इस टैंक को सबसे पहले नक्सल प्रभावित इलाकों में तैनात किया जाएगा. सेना द्वारा अलग-अलग परिस्थितियों और अपेक्षाओं से इस टैंक का परीक्षण किया जा रहा है.
मानवरहित टैंक मंत्रा
• मानवरहित मंत्रा टैंक को अलग-अलग परिस्थितयों के अनुसार तीन श्रेणियों में बांटकर तैयार किया गया है.
• मंत्रा-एस, देश का पहला मानवरहित ग्राउंड वीइकल है जिसे मानवरहित निगरानी के लिए बनाया गया है.
• मंत्रा-एम सुरंगों और बारुदी सुरंगों का पता लगाने के लिए बनाया गया है.
• मंत्रा-एन न्यूक्लियर रेडिएशन या जैविक हथियारों के खतरे वाले संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए बनाया गया है.
• इस टैंक को राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में 52 डिग्री सेल्सियस तापमान में टेस्ट किया जा चुका है.
• टैंक में सर्विलांस रडार, लेज़र रेंज फाइंडर के साथ कैमरा भी लगाया गया है.
• इसकी सहायता से 15 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन पर नज़र रखी जा सकती है.
• मानवरहित मंत्रा टैंक को अलग-अलग परिस्थितयों के अनुसार तीन श्रेणियों में बांटकर तैयार किया गया है.
• मंत्रा-एस, देश का पहला मानवरहित ग्राउंड वीइकल है जिसे मानवरहित निगरानी के लिए बनाया गया है.
• मंत्रा-एम सुरंगों और बारुदी सुरंगों का पता लगाने के लिए बनाया गया है.
• मंत्रा-एन न्यूक्लियर रेडिएशन या जैविक हथियारों के खतरे वाले संभावित क्षेत्रों का पता लगाने के लिए बनाया गया है.
• इस टैंक को राजस्थान के रेगिस्तानी इलाके में 52 डिग्री सेल्सियस तापमान में टेस्ट किया जा चुका है.
• टैंक में सर्विलांस रडार, लेज़र रेंज फाइंडर के साथ कैमरा भी लगाया गया है.
• इसकी सहायता से 15 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन पर नज़र रखी जा सकती है.
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