केन्द्रीय कैबिनेट ने ब्रिक्स कृषि शोध प्लेटफॉर्म की स्थापना हेतु भारत और ब्रिक्स‍ देशों के मध्य एमओयू को मंजूरी दी-(04-AUG-2017) C.A

| Friday, August 4, 2017
केन्द्रीय कैबिनेट ने ब्रिक्स कृषि शोध प्लेटफॉर्म (ब्रिक्स -एआरपी) की स्थापना हेतु भारत और ब्रिक्स‍ देशों के मध्य एमओयू को मंजूरी प्रदान की है. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की.
उद्देश्य-
यह केन्द्र ब्रिक्स के सदस्य देशों में खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने हेतु कृषि क्षेत्र में नीतिगत सहयोग के माध्यम से सतत कृषि विकास एवं गरीबी उन्मूलन को बढ़ावा प्रदान करेगा.
पृष्ठभूमि-
09 जुलाई, 2015 को रूस के ऊफा में आयोजित सातवें ब्रिक्स शिखर सम्मे‍लन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इसे पूरे विश्व हेतु एक उपहार बताया गया.
ब्रिक्स देशों में छोटे किसानों द्वारा की जाने वाली खेती हेतु प्रौद्योगिकियों सहित कृषि अनुसंधान नीति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं क्षमता निर्माण के क्षेत्र में सभी ब्रिक्स देशों के मध्य सहयोग को और अधिक बढ़ाने हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये.
आठवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन भारत के गोवा में 16 अक्टू्बर, 2016 को आयोजित किया गया. आठवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स‍ देशों के मंत्रियों द्वारा कृषि अनुसंधान प्लेटफॉर्म की स्थापना हेतु भी एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये गये.
विश्व में भूखमरी, गरीबी एवं विषमता, विशेष रूप से किसानों और गैर किसानों की आय में विषमता से जुड़े मसलों को सुलझाने और कृषि व्यापार, जैव सुरक्षा एवं जलवायु अनुकूल कृषि को बढ़ावा देने हेतु प्रस्ताव सम्मलेन में रखा गया.
इसके अलावा वैज्ञानिक कृषि आधारित सतत विकास हेतु प्राकृतिक वैश्विक प्लेाटफॉर्म के रूप में ब्रिक्स – कृषि अनुसंधान प्लेटफॉर्म (एआरपी) की भी प्रस्तावना की गई.
ब्रिक्स देशों के बारे में –
  • अंग्रेजी अक्षरों बी.आर.आई.सी.एस. से बना शब्द 'ब्रिक्स' दुनिया की पाँच उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है. ये देश हैं - ब्राजील, रुस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका.
  • दक्षिण अफ्रीका के इस आर्थिक समूह से जुड़ने से पहले इसे 'ब्रिक' ही कहा जाता था.
  • 'ब्रिक' शब्दावली के जन्मदाता जिम ओ'नील हैं. ओ'नील ने इस शब्दावली का प्रयोग सबसे पहले वर्ष 2001 में अपने शोधपत्र में किया. उस शोधपत्र का शीर्षक 'बिल्डिंग बेटर ग्लोबल इकोनॉमिक ब्रिक्स था.

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