पाकिस्तान की 'मदर टेरेसा' का निधन-(13-AUG-2017) C.A

| Sunday, August 13, 2017
पाकिस्तान की 'मदर टेरेसा' की उपाधि से सम्मानित डॉक्टर रूथ फ़ॉ का 87 वर्ष की अवस्था में कराची के अस्पताल में निधन हो गया है. फ़ॉ ने अपना पूरा जीवन पाकिस्तान में कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए काम करते हुए बिताया. डॉ. फ़ॉ भले ही जर्मनी में पैदा हुई थीं, लेकिन उनका दिल हमेशा पाकिस्तान में रहा.

डॉ. फ़ॉ ने साल 1960 में पाकिस्तान में कुष्ठ रोग पहली बार देखा और उसके बाद वह देशभर में क्लिनिक स्थापित करने का मक़सद लेकर लौटीं. डॉक्टर रूथ फ़ॉ के प्रयासों की बदौलत ही 1996 में पकिस्तान में यह घोषणा की जा सकी कि बीमारी अब नियंत्रण में आ गई है.
डॉक्टर रूथ फ़ॉ के बारे में-
  • डॉ. फ़ॉ का जन्म लिपज़िक में वर्ष 1929 में हुआ.
  • डॉ. फ़ॉ को पाकिस्तान और जर्मनी में कई अवॉर्ड प्रदान किए गए.
  • डॉ. फ़ॉ को पाकिस्तान के दूसरे प्रमुख नागरिक सम्मान हिलाल ए इम्तियाज़ से साल 1979 में सम्मानित किया गया. वर्ष 1989 में उन्हें हिलाल ए पाकिस्तान और 2015 में जर्मन स्टॉफ़र मेडल से सम्मानित किया गया.
  • दूसरे विश्व युद्ध में उनका घर बमबारी में तबाह हो गया था.
  • डॉ. फ़ॉ ने मेडिसीन की पढ़ाई की और बाद में उन्हें दक्षिण भारत जाने का आदेश दिया गया. वीज़ा की परेशानी के चलते उन्हें कराची में रुकना पड़ा.
  • डॉ. रूथ उस समय पाकिस्तान आई थीं जब पाकिस्तान के बनने के शुरुआती साल थे.
  • डॉ. फ़ॉ के अनुसार उनका पहला मरीज़ एक युवा पठान था जो हाथों और पैरों के बल घिसट कर चलते हुए डिस्पेंसरी पहुंचा.
  • उन्होंने कुष्ठ रोग से प्रभावित हज़ारों लोगों को नई ज़िंदगी दी. डॉक्टर रूथ फ़ॉ ने पाकिस्तानी डॉक्टरों को प्रशिक्षित भी किया.
  • उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत में विदेशों से भी पैसे जुटाने में मदद की.
  • वर्ष 2010 में जब पाकिस्तान में तबाही मचाने वाली बाढ़ में डॉ. फ़ॉ ने पीड़ितों की मदद की, जो सराहनीय थी.
  • पाकिस्तान में अपने काम के बारे में डॉ. फ़ॉ ने जर्मन में चार किताबें लिखीं. उनकी किताब 'टू लाइट ए कैंडल' को अंग्रेज़ी में अनुवादित किया गया.

प्रधानमंत्री अब्बासी के अनुसार डॉक्टर रूथ फ़ॉ यहां कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों का जीवन बेहतर बनाने आई थीं और ऐसा करते हुए वो यहीं की होकर रह गईं.'

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