भारत-पाकिस्तान हाइड्रोपावर परियोजना हेतु सिंधु जल समझौते के तहत बातचीत करेंगे-(01-AUG-2017) C.A

| Tuesday, August 1, 2017
भारत और पाकिस्तान दो हाइड्रोपावर परियोजनाओं किशनगंगा एवं रैटल के लिए बातचीत करेंगे. यह बातचीत वर्ष 1960 के सिंधु जल समझौते के तहत 31 जुलाई 2017 को विश्व बैंक मुख्यालय, वाशिंगटन में आयोजित की जाएगी.

केन्द्रीय जल संसाधन सचिव अमरजीत सिंह भारत की ओर से भेजे गये प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता कर रहे हैं. इस प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्रालय एवं जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे.

विश्व बैंक में दक्षिण एशिया क्षेत्र की उपाध्यक्ष एनिट डिक्सन ने अमेरिका में भारत के राजदूत नवतेज सरना को पत्र लिखकर उनका स्वागत किया तथा दोनों देशों की भागीदारी की सराहना की. उन्होंने दोनों देशों को शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने के लिए तटस्थता और अंतरराष्ट्रीय संगठन की निष्पक्षता का आश्वासन दिया.
India, Pakistan to hold talks on hydro-power projects under Indus Water Treaty=

विश्व बैंक में भारत और पाकिस्तान के मध्य यह बैठक पाकिस्तान द्वारा भारत की हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी परियोजनाओं पर उठाये गये मुद्दों को सुलझाने के लिए आयोजित की गयी है.

पृष्ठभूमि

पाकिस्तान ने वर्ष 2016 में विश्व बैंक के सम्मुख जम्मू-कश्मीर में भारत द्वारा आरंभ की गयी दो हाइड्रोपावर परियोजनाओं के डिजाईन को लेकर आपत्ति जताई थी.

सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी)


सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के मध्य नदी के जल के बंटवारे में को लेकर की गयी संधि है. इस संधि की मध्यस्थता विश्व बैंक द्वारा की गयी थी. उस समय इसका नाम अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक था.

इस संधि पर 19 सितंबर 1960 में कराची में हस्ताक्षर किये गये थे. इस पर भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु तथा पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किये थे.

इस समझौते के अनुसार पूर्वी दिशा की नदियों ब्यास, रवि एवं सतलुज पर भारत का अधिकार होगा जबकि पश्चिमी नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम पर पाकिस्तान का अधिकार होगा.

(स्रोत: विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखों पर आधारित)

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