उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 01 अगस्त 2017 को उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) नियमावली-2017 को मंजूरी प्रदान की गयी. यह निर्णय लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में संपन्न हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली
• उत्तर प्रदेश स्टाम्प एवं निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन करेगा. यह ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगा.
• इसमें दंपत्ति की तस्वीर और सम्बंधित पहचान दस्तावेज लगाना अनिवार्य होगा.
• एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराने पर दस रुपये का शुल्क लगेगा जबकि एक वर्ष से अधिक पर 50 रुपये शुल्क देना होगा.
• यदि किसी व्यक्ति की दूसरी, तीसरी या चौथी शादी है तो भी उसे पंजीकरण कराना होगा.
• नियमावली के प्रारंभ होने के बाद संपन्न विवाह या पुनर्विवाह में पति या पत्नी में कोई एक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो या उनका विवाह उत्तर प्रदेश की सीमा में संपन्न हुआ हो, का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
• आवेदन पत्र में पति-पत्नी का आधार नंबर भरा जाना अनिवार्य होगा ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके.
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने लोकभवन में कहा कि फैसला लागू करने के लिए सभी धर्म के लोगों से बातचीत की गई. इस दौरान यह आपत्ति जताई गयी कि निकाह के समय फोटो नहीं लगती है. सरकार ने तर्क दिया कि यदि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पैन कार्ड में आप फोटो लगा सकते हैं तो विवाह पंजीकरण में क्यों नहीं. इसके बाद फैसला लागू किया गया.
इस निर्णय के लागू होने पर सभी जातियों एवं वर्गों को विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. इसके तहत मुस्लिम दंपती को भी निकाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. संविधान के अनुरूप तैयार किये गये यह नियम जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश एवं नागालैंड के अतिरिक्त पूरे देश में लागू हैं.
उत्तर प्रदेश विवाह पंजीकरण नियमावली
• उत्तर प्रदेश स्टाम्प एवं निबंधन विभाग इसका क्रियान्वयन करेगा. यह ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगा.
• इसमें दंपत्ति की तस्वीर और सम्बंधित पहचान दस्तावेज लगाना अनिवार्य होगा.
• एक वर्ष के भीतर पंजीकरण कराने पर दस रुपये का शुल्क लगेगा जबकि एक वर्ष से अधिक पर 50 रुपये शुल्क देना होगा.
• यदि किसी व्यक्ति की दूसरी, तीसरी या चौथी शादी है तो भी उसे पंजीकरण कराना होगा.
• नियमावली के प्रारंभ होने के बाद संपन्न विवाह या पुनर्विवाह में पति या पत्नी में कोई एक उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी हो या उनका विवाह उत्तर प्रदेश की सीमा में संपन्न हुआ हो, का पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा.
• आवेदन पत्र में पति-पत्नी का आधार नंबर भरा जाना अनिवार्य होगा ताकि उनकी पहचान सुनिश्चित की जा सके.
राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने लोकभवन में कहा कि फैसला लागू करने के लिए सभी धर्म के लोगों से बातचीत की गई. इस दौरान यह आपत्ति जताई गयी कि निकाह के समय फोटो नहीं लगती है. सरकार ने तर्क दिया कि यदि आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और पैन कार्ड में आप फोटो लगा सकते हैं तो विवाह पंजीकरण में क्यों नहीं. इसके बाद फैसला लागू किया गया.
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