भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा पोलर सैटेलाइट रिसोर्ससैट-2ए का 7 दिसंबर 2016 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया. इसका प्रक्षेपण पीएसएलवी की सहायता से सतीश धवन स्पेस सेंटर, श्रीहरिकोटा से किया गया.
इस प्रक्षेपण के साथ ही इसरो ने तीन स्तरीय इमेजिंग डेटा उपलब्ध कराने वाले रिसोर्ससैट-2ए को सैटेलाइट के सोलर पैनल पर तैनात कर दिया.
इस सैटेलाईट की लम्बाई 44.4 मीटर तथा इसका वजन 321 टन था. इस रॉकेट ने लगभग 18 मिनट की उड़ान के दौरान 1235 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट रिसोर्ससैट-2ए को पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में स्थापित किया.
इस प्रक्षेपण के साथ ही इसरो ने तीन स्तरीय इमेजिंग डेटा उपलब्ध कराने वाले रिसोर्ससैट-2ए को सैटेलाइट के सोलर पैनल पर तैनात कर दिया.
इस सैटेलाईट की लम्बाई 44.4 मीटर तथा इसका वजन 321 टन था. इस रॉकेट ने लगभग 18 मिनट की उड़ान के दौरान 1235 किलोग्राम वजनी सैटेलाइट रिसोर्ससैट-2ए को पोलर सन सिंक्रोनस ऑर्बिट (एसएसओ) में स्थापित किया.
रिसोर्ससैट-2ए
• रिसोर्ससैट-2ए, रिसोर्ससैट-2 और रिसोर्ससैट-1 एक ही मिशन के ही भाग हैं. इससे पहले इन्हें इन्हें 2003 और 2011 में भी प्रक्षेपित किया जा चुका है.
• रिसोर्ससैट-2ए पहले के दो सैटेलाइटों की ही भांति रिमोट सेंसिंग डाटा प्रदान करेगा.
• इस सैटेलाइट में 200 गीगाबाईट क्षमता वाले सॉलिड स्टेट रिकॉडर्स लगाये गये हैं जो इसमें लगे विशेष कैमरों की सहायता से चित्रों को एकत्र करके पृथ्वी पर भेज सकते हैं.
• रिसोर्ससैट-2ए की अवधि पांच वर्ष है
• रिसोर्ससैट-2ए, रिसोर्ससैट-2 और रिसोर्ससैट-1 एक ही मिशन के ही भाग हैं. इससे पहले इन्हें इन्हें 2003 और 2011 में भी प्रक्षेपित किया जा चुका है.
• रिसोर्ससैट-2ए पहले के दो सैटेलाइटों की ही भांति रिमोट सेंसिंग डाटा प्रदान करेगा.
• इस सैटेलाइट में 200 गीगाबाईट क्षमता वाले सॉलिड स्टेट रिकॉडर्स लगाये गये हैं जो इसमें लगे विशेष कैमरों की सहायता से चित्रों को एकत्र करके पृथ्वी पर भेज सकते हैं.
• रिसोर्ससैट-2ए की अवधि पांच वर्ष है
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