प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई से 3 जून तक यूरोपीय देशों के अधिकारिक दौरे पर हैं. इस दौरे को कूटनीतिक दृष्टि से काफी अहम बताया जा रहा है. वे यूरोपीय देश जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस के दौरे पर हैं. इस दौरान आर्थिक, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, न्यूक्लियर एनर्जी प्रमुख एजेंडे में शामिल हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट द्वारा हाल ही में जारी जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी मई 2014 से प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अब तक लगभग 3.4 लाख किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं. यह अवधि उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10 प्रतिशत है.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की वेबसाइट द्वारा हाल ही में जारी जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी मई 2014 से प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद अब तक लगभग 3.4 लाख किलोमीटर की यात्रा कर चुके हैं. उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री 45 देशों में 119 दिन बिताए हैं. यह अवधि उनके अब तक के कार्यकाल का करीब 10 प्रतिशत है.
कुछ विशेष आंकड़े
• 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ रुपये खर्च हुए.
• इनमें पांच यात्राओं पर खर्च के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. अप्रैल 2015 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर सबसे अधिक 31.2 करोड़ रुपए खर्च हुए.
• इस प्रकार दूसरे नंबर पर 11 से 20 नवंबर 2014 के दौरान म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फीजी की यात्रा है जिसकी लागत 22.58 करोड़ रुपये आई.
• पीएम मोदी की तीसरी महंगी विदेश यात्रा 13 से 17 जुलाई 2014 के दौरान ब्राजील की थी जिस पर 20.35 करोड़ रुपए का खर्च आया.
• प्रधानमंत्री मोदी कूटनीति के अंतर्गत चार बार अमेरिका गए हैं जबकि चीन, फ्रांस, अफगानिस्तान, जापान, नेपाल, रूस, सिंगापुर, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान का दो-दो बार दौरा कर चुके हैं.
• पीएम ने पहले वर्ष 55 दिन विदेशी दौरों में बिताए जबकि दूसरे वर्ष में यह आंकड़ा घटकर 40 और तीसरे वर्ष 24 देशों का रहा.
• मोदी ने जहां 20 यात्राओं में 40 देशों के दौरे किए, वहीं मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 के पहले दो सालों में 15 विदेशी यात्रा कर 18 देशों के दौरे किए.
टिप्पणी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की विदेशी यात्राओं से भारत में निवेश के नए रास्ते खुले हैं तथा कूटनीतिक संबंध भी मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की सफलता के लिए अधिक से अधिक देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध आवश्यक हैं. प्रधानमंत्री की अगली यात्राओं में यूरोप और इस्त्राइल की यात्राएं शामिल हैं, देखना होगा कि इन विदेशी दौरों से सरकार के बाकी बचे कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था एवं कूटनीतिक संबंधों को कितना लाभ मिलता है.
• 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी के हवाई सफर पर 275 करोड़ रुपये खर्च हुए.
• इनमें पांच यात्राओं पर खर्च के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. अप्रैल 2015 के दौरान फ्रांस, जर्मनी और कनाडा की यात्रा पर सबसे अधिक 31.2 करोड़ रुपए खर्च हुए.
• इस प्रकार दूसरे नंबर पर 11 से 20 नवंबर 2014 के दौरान म्यांमार, ऑस्ट्रेलिया और फीजी की यात्रा है जिसकी लागत 22.58 करोड़ रुपये आई.
• पीएम मोदी की तीसरी महंगी विदेश यात्रा 13 से 17 जुलाई 2014 के दौरान ब्राजील की थी जिस पर 20.35 करोड़ रुपए का खर्च आया.
• प्रधानमंत्री मोदी कूटनीति के अंतर्गत चार बार अमेरिका गए हैं जबकि चीन, फ्रांस, अफगानिस्तान, जापान, नेपाल, रूस, सिंगापुर, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान का दो-दो बार दौरा कर चुके हैं.
• पीएम ने पहले वर्ष 55 दिन विदेशी दौरों में बिताए जबकि दूसरे वर्ष में यह आंकड़ा घटकर 40 और तीसरे वर्ष 24 देशों का रहा.
• मोदी ने जहां 20 यात्राओं में 40 देशों के दौरे किए, वहीं मनमोहन सिंह ने यूपीए-1 के पहले दो सालों में 15 विदेशी यात्रा कर 18 देशों के दौरे किए.
टिप्पणी
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की विदेशी यात्राओं से भारत में निवेश के नए रास्ते खुले हैं तथा कूटनीतिक संबंध भी मजबूत हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की सफलता के लिए अधिक से अधिक देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध आवश्यक हैं. प्रधानमंत्री की अगली यात्राओं में यूरोप और इस्त्राइल की यात्राएं शामिल हैं, देखना होगा कि इन विदेशी दौरों से सरकार के बाकी बचे कार्यकाल के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था एवं कूटनीतिक संबंधों को कितना लाभ मिलता है.
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