डीआरडीओ के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पहली ऐसी मिसाइल है जिसे भारत के प्रतिष्ठित इंटिग्रेटिड गाइडिड मिसाइल डेवेलपमेंट प्रोग्राम के तहत तैयार किया गया है. इससे पहले भारतीय सेना ने अप्रैल 2016 में पृथ्वी 2 का सफल परीक्षण किया था. उस समय दो परीक्षण होने थे जिसमें एक कामयाब रहा था और लेकिन दूसरा तकनीकी खामी के चलते नहीं किया गया.
पृथ्वी-2 मिसाइल
• पृथ्वी-2 मिसाइल 500 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम तक के हथियार आसानी से ले जा सकती है.
• इस मिसाइल को 2003 में सशस्त्र बल में शामिल किया गया था. इसकी लंबाई 9 मीटर है.
• पृथ्वी-2 मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है.
• पृथ्वी-2 में दो इंजन काम करते हैं तथा इसका कुल वजन 4600 किलोग्राम है.
• मिसाइल में आधुनिक निष्क्रिय नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है जिससे सटीक निशाने पर हमला किया जा सकता है.
• पृथ्वी-2 श्रेणी की मिसाइलों के नौसैनिक संस्करण को धनुष के रूप में जाना जाता है
• पृथ्वी-2 मिसाइल 500 किलोग्राम से लेकर 1000 किलोग्राम तक के हथियार आसानी से ले जा सकती है.
• इस मिसाइल को 2003 में सशस्त्र बल में शामिल किया गया था. इसकी लंबाई 9 मीटर है.
• पृथ्वी-2 मिसाइल सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है. इसकी मारक क्षमता 350 किलोमीटर तक है.
• पृथ्वी-2 में दो इंजन काम करते हैं तथा इसका कुल वजन 4600 किलोग्राम है.
• मिसाइल में आधुनिक निष्क्रिय नेविगेशन सिस्टम लगाया गया है जिससे सटीक निशाने पर हमला किया जा सकता है.
• पृथ्वी-2 श्रेणी की मिसाइलों के नौसैनिक संस्करण को धनुष के रूप में जाना जाता है
0 comments:
Post a Comment