नेपाल और चीन ने 1200 मेगावाट की पनबिजली परियोजना हेतु समझौता किया-(07-JUNE-2017) C.A

| Wednesday, June 7, 2017
नेपाल सरकार और चीन की कंपनी के मध्य 1200 मेगावाट की पनबिजली परियोजना हेतु समझौता किया गया. इस समझौता से नेपाल को अपने गंभीर बिजली संकट से निपटने में मदद मिलेगी.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार नेपाल सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा पिछले महीने चीन की गेझूबा समूह कॉरपोरेशन (सीजीजीसी) के साथ 1,200 मेगावाट की बुधिगंदाकी पनबिजली परियोजना हेतु सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर दस्तखत किए. 

नेपाल सरकार ने पनबिजली परियोजना के निर्माण हेतु गेझूबा समूह कॉरपोरेशन (सीजीजीसी) को ठेका दिया है. इस समझौता पत्र पर प्रधानमंत्री के आवास पर दस्तखत किए गए.
समझौता के बारे में -
  • समझौते के अनुसार यह फंड नेपाल सरकार द्वारा स्वीकृत नियमों और शर्तों के अनुसार सॉफ्ट लोन या फिर कमर्शियल लोन के रुप में चीन की फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल से जुटाया जाएगा.
  • समझौते के तहत सीजीजीसी परियोजना की डिजाइनिंग एवं निर्माण कार्यों का प्रबंधन चीन को करना होगा.
  • इस स्टोरेज परियोजना का निर्माण इंजीनियरिंग, खरीद, निर्माण और वित्त (ईपीसीएफ) मॉडल के तहत किया जाएगा. सीजीजीसी योजना को पूरी तरह विकसित करने हेतु ज़िम्मेदारी उठाएगी.
  • चीन सरकार परियोजना के निर्माण के लिए धन इकट्ठा करने हेतु प्रति लीटर पेट्रोल, डीजल और विमानन ईंधन की बिक्री से 5 रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर टैक्स बढ़ा रही है.
पनबिजली परियोजना के बारे में-
  • गिरते हुए या बहते हुए जल की उर्जा से जो विद्युत उत्पन्न की जाती है उसे जलविद्युत (Hydroelectricity) कहते हैं। वर्ष 2005 में विश्व भर में लगभग 816 जिगावाट एलेक्ट्रिकल जलविद्युत उत्पन्न की जाती थी जो कि विश्व की सम्पूर्ण विद्युत उर्जा का लगभग 20% है.
  • यह बिजली प्रदूषण रहित एवं पर्यावरण के अनुकूल होती है.

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