सेना प्रमुख के अनुसार आरंभ में महिलाओं को मिलिट्री पुलिस में भर्ती किया जाएगा. विश्व में कुछेक चुनिंदा देश हैं जहां महिलाओं को सेना में लड़ाई के मौर्चे पर भेजा जाता है. भारत में अब तक केवल पुरुष सैनिकों को ही जंग में प्रमुख भूमिका दी जाती रही है.
सेना में अभी तक महिलाओं को मेडिकल, लीगल, एजुकेशनल, सिगनल और इंजीनियरिंग विंग में रखा जाता है. सेना प्रमुख ने कहा कि वे महिलाओं को जवान के रूप में देखते हैं तथा इस योजना पर अमल करना चाहेंगे.
सैन्य पुलिस की भूमिका में सैनिकों और सेना प्रतिष्ठानों की देख-रेख करना, सैनिकों द्वारा नियमों और विनियमों के उल्लंघन को रोकना, शांति और युद्ध के दौरान सैनिकों की आवाजाही को बनाए रखना तथा नागरिक पुलिस को सहायता प्रदान करना शामिल है.
वह देश जिनमें महिलाओं को जंग में भाग लेने की अनुमति है, वे हैं – ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, डेनमार्क, फ़िनलैंड, नॉर्वे , स्वीडन तथा इजराइल.
पृष्ठभूमि
• जून 2015 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने कहा था कि सुरक्षा कारणों के चलते भारतीय सेना द्वारा महिलाओं को जंग में नहीं उतारा जायेगा.
• हालांकि उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशस्त्र बलों के अन्य परिचालन क्षेत्रों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि उनके शामिल किया जा सके.
• इससे पहले भारतीय वायुसेना द्वारा 2016 में तीन महिलाओं अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहन सिंह को लड़ाकू पायलट के तौर पर भर्ती किया गया.
• सरकार द्वारा महिलाओं को लड़ाकू धारा में शामिल करने के लिए की गई घोषणा के एक वर्ष बाद यह निर्णय लिया गया.
• भारतीय नौसेना वर्तमान में जहाजों पर महिलाओं को नियुक्त करने की नीति पर विचार कर रही है.
• जून 2015 में तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर परिकर ने कहा था कि सुरक्षा कारणों के चलते भारतीय सेना द्वारा महिलाओं को जंग में नहीं उतारा जायेगा.
• हालांकि उन्होंने कहा कि महिलाओं को सशस्त्र बलों के अन्य परिचालन क्षेत्रों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि उनके शामिल किया जा सके.
• इससे पहले भारतीय वायुसेना द्वारा 2016 में तीन महिलाओं अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहन सिंह को लड़ाकू पायलट के तौर पर भर्ती किया गया.
• सरकार द्वारा महिलाओं को लड़ाकू धारा में शामिल करने के लिए की गई घोषणा के एक वर्ष बाद यह निर्णय लिया गया.
• भारतीय नौसेना वर्तमान में जहाजों पर महिलाओं को नियुक्त करने की नीति पर विचार कर रही है.
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