इज़राइल सरकार द्वारा अमोना कैंप के क्षेत्र में हटाये गये शरणार्थियों की एक तस्वीर अप्रैल 2017 के दूसरे सप्ताह में चर्चा में रही. इजरायल सरकार का मानना था कि वेस्ट बैंक के क्षेत्र में अमोना कैम्प में लोग अवैध तरीके से रह रहे हैं.
घटना को कवर करने गये एक पत्रकार द्वारा ली गयी इस तस्वीर में एक महिला को सैंकडों पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए देखा जा सकता है. यह तस्वीर महिला की जिजीविषा के चलते पूरे विश्व में चर्चित रही. इस तस्वीर को घटना के लगभग एक माह बाद जारी किया गया.
ऐसा माना जा रहा है कि अवैध रूप से रह रहे इन लोगों में काफी लोग इज़राइल के थे लेकिन सरकार ने उन्हें भी हटाने का आदेश जारी किया. अंततः फरवरी माह में 10 हज़ार पुलिसकर्मियों का दल लोगों को कैम्प से बेदखल करने के लिए मौके पर पहुंचा.
घटना को कवर करने गये एक पत्रकार द्वारा ली गयी इस तस्वीर में एक महिला को सैंकडों पुलिसकर्मियों से भिड़ते हुए देखा जा सकता है. यह तस्वीर महिला की जिजीविषा के चलते पूरे विश्व में चर्चित रही. इस तस्वीर को घटना के लगभग एक माह बाद जारी किया गया.
ऐसा माना जा रहा है कि अवैध रूप से रह रहे इन लोगों में काफी लोग इज़राइल के थे लेकिन सरकार ने उन्हें भी हटाने का आदेश जारी किया. अंततः फरवरी माह में 10 हज़ार पुलिसकर्मियों का दल लोगों को कैम्प से बेदखल करने के लिए मौके पर पहुंचा.
दंगा विरोधी साजो-सामान से लैस पुलिसकर्मियों ने लोगों को उनके घरों से खदेड़ना आरंभ किया. इसी बीच अपना घर उजड़ते देख एक यहूदी महिला अकेली सैकड़ों पुलिसवालों से भिड़ गई. पुलिसकर्मियों के दल और महिला के बीच काफी देर तक जोर-आजमाइश चलती रही.
महिला और पुलिसकर्मियों के बीच लंबे समय तक संघर्ष चलता रहा लेकिन आख़िरकार कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे वहां से धकेल दिया.
सैंकडों पुलिसवालों से लोहा लेती एक अकेली महिला की जिजीविषा की यह तस्वीर विश्वभर के समाचारपत्रों, पत्रिकाओं में खूब चर्चित हुई.
इस तस्वीर का प्रभाव यह हुआ कि विश्व की आधी आबादी को उनके अधिकार दिलाने के लिए आवाज़ उठने लगी तथा पुरुष प्रधान समाज के में महिलाओं को बराबरी की बात देने की मांग होने लगी.
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