दिल्ली के रवींद्र भवन परिसर में बिहार महोत्सव 26 अप्रैल 2014 को प्रारंभ हुआ. यह महोत्सव तीन दिनों
तक चला जिसका समापन 28 अप्रैल 2014 को
हुआ.
कला-संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार, संगीत नाटक अकादमी और बिहार ललित कला अकादमी की ओर से संयुक्त तौर पर आयोजित महोत्सव बिहार राज्यगीत के साथ आरंभ हुआ. इसके बाद बिहार गौरव गान हुआ. इसके साथ ही साथ ठुमरी, रंगारंग लोक-कला प्रदर्शन और पारंपरिक व्यंजनों को भी महोत्सव में शामिल किया गया है.
विश्व प्रसिद्ध याक्षी के बड़े कट-आउट के साथ मधुबनी
पेंटिंग, सिक्की आर्ट और गोलघर, मनेर शरीफ जैसे बिहार के मशहूर स्थलों की तस्वीरें महोत्सव में प्रदर्शित
की गई. इसके साथ ही बिहार में प्रसिद्ध खाद्य पदार्थ चूड़ा-दही, सत्तू, लिट्टी चोखा का आनंद उठाने का मौका भी
महोत्सव में आने वालों के लिए उपलब्द था. मंचकला प्रदर्शन में बिहार का लोकनृत्य
प्रदर्शित किया गया. वहीं बनारस घराना और गया घराने की ठुमरी ने महोत्सव में अपनी
उपस्थिति दर्ज की.
विदित हो कि बिहार के सांस्कृतिक पहचान को प्रदर्शित करने हेतु आयोजित बिहार महोत्सव का प्रारंभ वर्ष 2009 में कोलकाता से हुआ. जिसके बाद क्रमशः यह इलाहाबाद, जयपुर और गुवाहाटी में आयोजित किया जा चुका है.
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